News

"शक्ति की लालच में कोई भी समझौता करने को तैयार नहीं" (Date: 06-04-2025)

देश में लगातार बढ़ती राजनीतिक उठा-पटक और सत्ता की होड़ ने यह साबित कर दिया है कि सत्ता के लिए हर कोई अपनी सीमाओं से बाहर जाकर कोई भी समझौता करने को तैयार है। राजनीतिक दल और नेता, अपने स्वार्थ और सत्ता की प्यास को बढ़ाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उनकी शक्ति की भूख उन्हें समझौते और समझदारी से दूर कर देती है, जिससे कभी-कभी देश और जनता के हितों की अनदेखी की जाती है।

इस संदर्भ में विशेषज्ञों का कहना है कि सत्ता की चाह में नेताओं का व्यवहार और निर्णय बहुत बार नैतिकता और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ जाता है। राजनीति में स्वार्थ और व्यक्तिगत लाभ के लिए किए गए ऐसे समझौते देश के विकास को प्रभावित कर सकते हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, जब सत्ता की लालच हद से ज्यादा बढ़ जाती है, तो किसी भी तरह के समझौते को स्वीकार किया जा सकता है, जिससे न केवल लोकतंत्र की नींव कमजोर होती है, बल्कि देश की स्थिरता और विकास भी संकट में पड़ जाते हैं।

समाज के बीच में यह चर्चा जारी है कि क्या कोई नेता या पार्टी वास्तव में देश के भले के लिए कदम उठाने के बजाय सिर्फ अपनी शक्ति की भूख को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं।