मिट्टी की सेहत सुधारने के लिए सरकार की पहल : (Date: 27-09-2025)
पटना। उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मिट्टी जांच का मुख्य उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक आधार पर उर्वरकों के उपयोग के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि मिट्टी के नमूनों की जांच से प्राप्त परिणामों के आधार पर संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग सुनिश्चित करने से न केवल कृषि योग्य भूमि की सेहत बनी रहेगी, बल्कि फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
अंधाधुंध उर्वरक प्रयोग पर रोक ज़रूरी
श्री सिन्हा ने कहा कि अंधाधुंध रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता लगातार प्रभावित हो रही है। इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने और सतत कृषि पद्धति को बढ़ावा देने के लिए मृदा परीक्षण को अनिवार्य कदम बताया।
लक्ष्य और उपलब्धि
वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य सरकार ने 3 लाख मिट्टी नमूनों के संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 2.41 लाख मिट्टी नमूने प्रयोगशालाओं में प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 1.20 लाख नमूनों का विश्लेषण कर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया गया है।
नई पहल : व्हाट्सएप पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड
किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने में लगने वाले समय को न्यूनतम करने के उद्देश्य से सरकार ने नई पहल शुरू की है। अब किसानों को उनका मृदा स्वास्थ्य कार्ड सीधे व्हाट्सएप पर मोबाइल के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे समय और संसाधन दोनों की बचत होगी।
106 फसलों के लिए वैज्ञानिक अनुशंसाएँ
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि ऑनलाइन उपलब्ध सोइल हेल्थ कार्ड में किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार लगभग 106 विभिन्न फसलों के लिए वैज्ञानिक अनुशंसाएँ प्राप्त कर सकते हैं। यह सुविधा उन्हें सही फसल चयन और संतुलित पोषण प्रबंधन में मदद करेगी।